राजस्थान में पुलिस ने JEN भर्ती परीक्षा-2020 के पेपरलीक मामले में एक बड़े कदम के तहत, इस घोटाले के मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई को अरेस्ट किया है। विश्नोई, जो पिछले तीन साल से फरार था, को सांगानेर से पकड़ा गया है। उस पर पेपरलीक और नकल के कई मामले पहले से ही दर्ज हैं। इस कार्रवाई से शिक्षा जगत में बड़ी हलचल मची है।
पेपरलीक: राजस्थान की बड़ी चुनौती
इस घटना ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतों को उजागर किया है। जगदीश विश्नोई की गिरफ्तारी ने साबित किया है कि कैसे गहराई से यह भ्रष्टाचार शिक्षा प्रणाली में फैला हुआ है। इस मामले में अब तक करीब 30 आरोपी अरेस्ट हो चुके हैं, जो इस गिरोह के व्यापक नेटवर्क को दर्शाता है।
इस ऑपरेशन के दौरान, SIT की टीम ने अपनी जांच में कई अहम सुराग जुटाए हैं। इससे पहले विश्नोई को कई बार नकल और पेपरलीक के मामलों में अरेस्ट किया जा चुका है, लेकिन वह हर बार बच निकलने में सफल रहा। इस बार उसकी गिरफ्तारी से शिक्षा माफिया पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
इस मामले की जड़ में जाने पर पता चलता है कि यह भ्रष्टाचार केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध है। इसके लिए गहन और व्यापक जांच की जरूरत है ताकि इस तरह के अपराधों की जड़ तक पहुँचा जा सके। जगदीश विश्नोई की गिरफ्तारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जैसा कि इस मामले में आगे जांच होगी, उम्मीद है कि इससे शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। राजस्थान की पुलिस और SIT की यह कार्रवाई न केवल एक अपराधी को न्याय के कठघरे में लाने के लिए है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि शिक्षा से जुड़े अपराधों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।