जयपुर (हेमा): राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में इस बार एक अनोखी चुनावी लड़ाई देखने को मिल रही है। यहां पर कांग्रेस ने अपने ही उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया और राजकुमार रोआत को दोनों दलों का संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया। हालांकि, पहले से घोषित कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंद डामोर ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया।
जिसे बीजेपी और कांग्रेस-बीएपी गठबंधन के बीच द्विध्रुवीय संघर्ष होना था, वह अब तीन-दलीय संघर्ष में बदल गया है। दामोर के कारण कांग्रेस के वोट विभाजित होने की संभावना है, जिससे भगवा दल के उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीय को फायदा हो सकता है।
इस अजीब स्थिति के चलते, कांग्रेस ने अपने ही पुराने उम्मीदवार के खिलाफ वोट न करने की अपील की है। इससे न केवल क्षेत्र में सियासी तनाव बढ़ा है, बल्कि यह स्थिति पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गई है।