राजस्थान में हाल ही में एक बड़े पुलिस भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें पेपर लीक और डमी उम्मीदवारों के जरिए नौकरी हासिल करने के आरोप में 15 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की एक टीम को राजस्थान पुलिस अकादमी भेजा गया था।
लीक पेपर के जरिए टॉपर बना उम्मीदवार
जांच में पता चला कि इनमें से एक ट्रेनी ने लीक हुए पेपरों की मदद से परीक्षा में टॉप किया था। यह खुलासा इस घोटाले की गंभीरता को दर्शाता है। एसओजी ने इस मामले में गहन जांच शुरू की है और आरोपी ट्रेनीज के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है।
इस भर्ती घोटाले में न केवल पेपर लीक का मामला सामने आया है, बल्कि डमी उम्मीदवारों का इस्तेमाल करके परीक्षा पास करने की बात भी सामने आई है। एसओजी की टीम ने अजमेर के किशनगढ़ स्थित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी से एक उप-निरीक्षक को और दो अन्य आरोपियों को उनके गांवों से हिरासत में लिया।
राजस्थान पुलिस के इस भर्ती घोटाले ने न सिर्फ पुलिस विभाग में, बल्कि पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। यह घटना राज्य में चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़े सवाल उठाती है।
सरकार और पुलिस विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। इस घटना के बाद, भर्ती प्रक्रिया में सुधार और और अधिक पारदर्शिता लाने की मांग उठ रही है।
इस घोटाले का खुलासा होने के बाद, प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के संचालन में कठोर नियमों और जांच प्रक्रिया की मांग तेज हो गई है। राजस्थान पुलिस भर्ती घोटाले ने न केवल पुलिस विभाग के सामने चुनौती पेश की है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भर्ती प्रक्रियाओं को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।