जयपुर (उपासना): राजस्थान के खातों में छिपे अरबों रुपए के कालेधन का मामला सामने आया है। ई-मित्र संचालक के रूप में काम करने वाले एक मास्टरमाइंड ने खुलासा किया कि किस तरह से वे लोगों को एक हफ्ते में अमीर बनाने का दावा करते हैं। इस धोखाधड़ी और सट्टे से कमाए गए धन को राजस्थान के बैंक खातों के जरिए माफियाओं तक पहुँचाया जा रहा है।
हाल ही में, सीबीआई की जांच में यह पता चला कि सीकर, नागौर, और जोधपुर जिलों में स्थित बैंक खातों का उपयोग करके 820 करोड़ रुपए की धनराशि माफियाओं तक पहुंचाई गई। इन खातों को माफियाओं द्वारा किराए पर लिया गया था। बैंकों में लगातार हो रही ऑनलाइन निगरानी के बावजूद ये करोड़ों रुपए कैसे माफिया तक पहुंच रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए एक निजी समाचार संस्थान द्वारा गहन स्टिंग ऑपरेशन किया गया।
इस खेल को संगठित गिरोह के जरिए संचालित किया जा रहा है, जो शेखावाटी सहित अनेक जिलों में अपने पैर पसार रहे हैं। इन गिरोहों ने एक विशाल नेटवर्क बना लिया है। सीकर, जोधपुर, नागौर में प्रतिदिन 200 से 300 नए बैंक खाते खोले जा रहे हैं। फिर इन खातों से हर दिन ठगी के करोड़ों रुपए का लेन-देन किया जाता है।
यह खुलासा निजी समाचार संस्थान द्वार किए गए स्टिंग ऑपरेशन से हुआ है जहाँ उन्होंने इस काली कमाई को आम लोगों के खातों से संभालने वाले माफिया की पहचान की। यह पूरा मामला दिखाता है कि किस तरह से गिरोह और उनके नेटवर्क बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं और बैंकिंग प्रणाली को किस प्रकार से चुनौती दे रहे हैं।