भारतीय राजनीति में नई दिशाओं का संकेत देते हुए, राहुल गांधी की न्याय यात्रा में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए हैं। इसका कारण उन्होंने सीट बंटवारे की प्रक्रिया को बताया है। सपा ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 17 सीटों की पेशकश की है, लेकिन यह सौदा अभी पूरी तरह से तय नहीं हुआ है।
राजनीतिक गठबंधनों में नई उम्मीदें
राहुल गांधी की यात्रा सोमवार को अमेठी पहुंची, जहां उन्होंने लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय की और जन सभा को संबोधित किया। इस दौरान, समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली समेत 17 सीटों की पेशकश की है। यह कदम दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन की ओर इशारा करता है, हालांकि, इस पेशकश की विशेषताएं और इसके लिए निर्धारित शर्तें अभी स्पष्ट नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार, सपा द्वारा प्रस्तावित सीटें वाराणसी, गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, झांसी, कुशीनगर, गाज़ियाबाद, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, और बांसगांव में हो सकती हैं। इस पेशकश के साथ, समाजवादी पार्टी ने एक राजनीतिक संदेश भी दिया है कि वह कांग्रेस के साथ एक मजबूत गठबंधन के लिए तैयार है, बशर्ते कि सीटों का उचित बंटवारा हो।
इस संदर्भ में, अखिलेश यादव का यह कहना कि वह सीट बंटवारे के बाद ही राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे, इस बात का संकेत है कि दोनों पार्टियां एक साथ आ सकती हैं, लेकिन वे कुछ विशेष शर्तों के आधार पर ऐसा करेंगी।
यह घटनाक्रम न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ लाता है, बल्कि यह भारतीय राजनीति के व्यापक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है। अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच यह गठबंधन सफल होता है, तो यह आगामी चुनावों में एक नई राजनीतिक गतिशीलता को जन्म दे सकता है।