भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट, जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में भारतीय वायुसेना अपने अद्वितीय बल का प्रदर्शन करने जा रही है। इस विशाल एक्सरसाइज के लिए, देश के पांच विभिन्न एयरबेस से 121 लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा चुका है, जिसमें राफेल, सुखोई, प्रचंड, और रूद्र जैसे आधुनिक विमान शामिल हैं। 17 फरवरी को होने वाले इस वायु शक्ति एक्सरसाइज के लिए, 15,000 से अधिक सैनिक पहले ही पहुंच चुके हैं।
वायुशक्ति का प्रदर्शन
वायुसेना की इस पहल का मुख्य उद्देश्य सीमा पर अपनी वायु रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस एक्सरसाइज में विभिन्न प्रकार के एयरक्राफ्ट का समावेश है, जो भारतीय वायुसेना की ताकत और तत्परता को दर्शाता है। इस एक्सरसाइज के दौरान, विमान विभिन्न युद्धाभ्यासों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें हवाई जंग, जमीनी लक्ष्यों पर हमला, और रक्षात्मक कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
इस एक्सरसाइज की तैयारियां भारतीय वायुसेना द्वारा गहनता से की गई हैं। एयरबेस पर, विमानों की तकनीकी जांच से लेकर सैनिकों के प्रशिक्षण तक, हर पहलू को बारीकी से निपटाया गया है। इस एक्सरसाइज के माध्यम से, वायुसेना न केवल अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी बल्कि आपात स्थितियों में अपनी कार्यक्षमता और प्रतिक्रिया समय का भी परीक्षण करेगी।
इस एक्सरसाइज का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह भारतीय वायुसेना और अन्य सशस्त्र बलों के बीच समन्वय को भी मजबूत करेगा। ऐसे अभ्यासों से, सेना के विभिन्न अंगों के बीच आपसी समझ और सहयोग में वृद्धि होती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारतीय वायुसेना की यह पहल, न केवल देश के भीतर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी, एक मजबूत संदेश भेजेगी। यह दर्शाता है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है और शांति की स्थिति में भी अपने सशस्त्र बलों की तैयारी को प्राथमिकता देता है।