लखनऊ: वाराणसी के एक अदालत ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सभी बंद तहखानों का सर्वेक्षण करने की मांग वाली याचिका की सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख निर्धारित की।
गुप्त तहखाने का रहस्य
याचिका के अनुसार, तहखानों के अंदर “गुप्त कोठरियाँ” हैं और ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे सत्य को उजागर करने के लिए उनका सर्वेक्षण आवश्यक है, जिसे हिन्दुओं ने दावा किया है कि यह एक पूर्व मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था।
हिन्दू पक्ष के वकील, मदन मोहन यादव ने कहा कि कार्यवाहक जिला जज अनिल कुमार ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी को निर्धारित किया है।
इस निर्णय के साथ, वाराणसी कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित सभी गुप्त तहखानों का अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह कदम इस ऐतिहासिक स्थल के अतीत को समझने के लिए उठाया गया है, जिसके बारे में विभिन्न समुदायों के बीच विवाद है।
इस घटना के महत्व को समझते हुए, यह निर्णय न केवल वाराणसी बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इससे ऐतिहासिक सत्यों की खोज में मदद मिलेगी और दो समुदायों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद का समाधान निकालने में योगदान दे सकता है। इस सर्वेक्षण के परिणामों का इंतजार सभी पक्षों द्वारा बेसब्री से किया जा रहा है। यह न केवल ज्ञानवापी मस्जिद के इतिहास को नई रोशनी में रखेगा बल्कि इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को भी सामने लाएगा।
वाराणसी कोर्ट का यह निर्णय भारतीय इतिहास के एक नए अध्याय का संकेत देता है, जहाँ विवादित धर्मस्थलों के इतिहास को समझने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लिया जा रहा है। इससे न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भविष्य में ऐसे विवादों का समाधान खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।