नई दिल्ली: देश के विशेष आवश्यकताओं वाले नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत की तर्ज पर एक नीति और उनके लिए बजटीय आवंटन में 5 प्रतिशत की वृद्धि की मांग करते हुए, विकलांगता अधिकार समूहों ने एक 10-सूत्रीय मांगपत्र जारी किया है। इस पहल के साथ, विकलांगता अधिकार कार्यकर्ताओं ने आगामी लोकसभा चुनावों में विकलांग व्यक्तियों (PWD) के मुद्दों को संबोधित करने के लिए राजनीतिक दलों से आह्वान किया है।
समान उपचार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, विकलांगता अधिकार समर्थकों ने दलों से गंभीरतापूर्वक PWDs को एक निर्णायक मतदान समूह के रूप में मानने का आग्रह किया।
विशेष आवश्यकताओं वाले नागरिकों के लिए नई नीतियाँ
विकलांगता अधिकार समूहों द्वारा प्रस्तुत इस 10-सूत्रीय मांगपत्र में, विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष नीतियां और योजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया गया है। यह मांगपत्र न केवल उनके लिए वित्तीय सहायता में वृद्धि की मांग करता है बल्कि उनके समग्र विकास और समाज में समानता के लिए भी आवाज उठाता है।
इस पहल के माध्यम से, विकलांगता अधिकार समूह सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। उनका मानना है कि विकलांग व्यक्तियों को भी समाज के हर क्षेत्र में समान अवसर मिलने चाहिए।
विकलांगता अधिकार समूहों की इस पहल का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक दलों को विकलांग व्यक्तियों के मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपने चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है। इससे न केवल विकलांग व्यक्तियों के जीवन में सुधार होगा बल्कि समाज में उनकी स्थिति में भी परिवर्तन आएगा।
राजनीतिक दलों से इस मांगपत्र को गंभीरतापूर्वक लेने की उम्मीद की जाती है ताकि विकलांग व्यक्तियों के लिए एक समान और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जा सके। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बेहतर भविष्य की ओर एक कदम होगा।