मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कार्ड नेटवर्क वीजा को उन इकाइयों के लिए मध्यस्थों के माध्यम से भुगतान करने से रोक दिया, जो कार्ड भुगतान स्वीकार नहीं करती हैं, कहा गया है कि इस गतिविधि में बिना कानूनी मंजूरी के बड़ी राशि शामिल है, सूत्रों के अनुसार।
वीजा पर आरबीआई की नज़र
सूचना के अनुसार, देश में अब तक केवल एक कार्ड नेटवर्क ने इस व्यवस्था को कार्यान्वित किया है, आरबीआई ने वीजा का नाम लिए बिना कहा। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कार्ड नेटवर्क वीजा है।
आरबीआई का कहना है कि बिना कानूनी मंजूरी के इस प्रकार की गतिविधियों में बड़ी मात्रा में धन शामिल है, जो वित्तीय सिस्टम के लिए जोखिम पैदा करता है। इस निर्णय के पीछे आरबीआई का उद्देश्य वित्तीय सिस्टम में पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ाना है।
इस कदम को आरबीआई द्वारा वित्तीय प्रणाली में अनधिकृत लेनदेन को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह निर्णय उन इकाइयों पर भी प्रभाव डालेगा जो वर्तमान में वीजा कार्ड के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान स्वीकार कर रही हैं।
आरबीआई के इस कदम से भारत में कार्ड भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े बदलाव की संभावना है। इससे वीजा जैसे कार्ड नेटवर्कों को अपने भुगतान प्रणाली के संचालन को कानूनी दायरे में लाने की आवश्यकता होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई का यह कदम वित्तीय नियमन में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह न केवल वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा बल्कि भुगतान प्रणाली को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह भी बनाएगा।
इस घटनाक्रम से उम्मीद है कि अन्य कार्ड नेटवर्क भी आरबीआई के निर्देशों का पालन करेंगे और अपनी भुगतान प्रणालियों को नियमों के अनुरूप बनाएंगे। इससे भारतीय वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में और अधिक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।