कोलंबो: श्रीलंका ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह 2024 के अंत तक भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) स्थापित करने की योजना बना रहा है। विदेश मंत्री अली सबरी ने यह जानकारी यहां पत्रकारों को दी। आर्थिक संकट से जूझ रहे इस द्वीप राष्ट्र के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुक्त व्यापार समझौते का विस्तार
श्रीलंका न केवल भारत के साथ, बल्कि इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, और चीन के साथ भी 2024 के अंत तक समान मुक्त व्यापार समझौते स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। अली सबरी के अनुसार, ये समझौते श्रीलंकाई व्यवसायों के लिए नए बाजारों को खोलेंगे, जिससे देश की आर्थिक विकास में सीधे तौर पर योगदान मिलेगा।
एक ओर जहां सरकार अपने बाह्य ऋण को पुनर्गठित करने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसने उपयोगिता दरों और करों में वृद्धि की है। इस पृष्ठभूमि में, ये मुक्त व्यापार समझौते निश्चित रूप से एक सकारात्मक पहल माने जा सकते हैं।
श्रीलंका और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इससे न केवल व्यापार बढ़ेगा बल्कि आपसी आर्थिक सहयोग भी मजबूत होगा। श्रीलंका के लिए, यह आर्थिक संकट से उबरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विदेश मंत्री अली सबरी के अनुसार, ये समझौते न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ाएंगे बल्कि श्रीलंकाई उत्पादों की वैश्विक पहुंच को भी सुनिश्चित करेंगे। इससे श्रीलंका के निर्यात में वृद्धि होगी और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इन मुक्त व्यापार समझौतों का उद्देश्य न केवल व्यापारिक बाधाओं को कम करना है बल्कि आर्थिक सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना भी है। इस पहल के माध्यम से, श्रीलंका ने अपने आर्थिक विकास के लिए एक नई दिशा निर्धारित की है।
इस प्रकार, श्रीलंका की यह पहल न केवल उसके आर्थिक विकास को गति देगी बल्कि दक्षिण एशिया में व्यापार और सहयोग के नए आयाम स्थापित करने में भी योगदान देगी। भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।