संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हमेशा राष्ट्रीय ध्यान का केंद्र बिंदु बना रहता है। उनके भाषणों में नीतिगत पहलुओं, विकासात्मक योजनाओं और सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाता है। इस बार के संबोधन में भी पीएम मोदी ने राष्ट्र के समक्ष विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
संसद में प्रमुख उद्घाटन
पीएम मोदी ने संसद में अपने संबोधन की शुरुआत राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए की। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी सरकार ने सीमा पर सुरक्षा को मजबूत किया है और आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में सफलता पाई है।
आर्थिक विकास की बात करते हुए, पीएम ने भारत की विकास दर में हालिया वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने और डिजिटल इंडिया के तहत उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को साझा किया।
सामाजिक उत्थान के लिए सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत, जन धन योजना, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की सफलता की कहानियां सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे ये योजनाएं आम आदमी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाई हैं।
राष्ट्रीय एकता और अखंडता के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम मोदी ने भारत की विविधता को उसकी सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए जन-जन की भागीदारी का आह्वान किया।
पीएम मोदी का संसद में यह संबोधन न केवल सरकार की उपलब्धियों का जश्न मनाता है, बल्कि भारत को एक नई दिशा देने के उनके संकल्प को भी दर्शाता है। उनके शब्द न केवल नीतियों और योजनाओं के बारे में हैं, बल्कि एक ऐसे भविष्य की ओर इशारा करते हैं जहाँ हर भारतीय को विकास की मुख्यधारा में लाया जाएगा। उनका यह संदेश नई ऊर्जा और आशा का संचार करता है, जिससे एक समृद्ध और सशक्त भारत की नींव रखी जा सके।