नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को कहा कि देश में सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका जातिगत जनगणना है।
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जाति भारतीय समाज की सामाजिक-आर्थिक वास्तविकता रही है, जो सदियों से चली आ रही है। “हम भारत में जाति आधारित भेदभाव और जन्म के समय जाति द्वारा लगाए गए नुकसान को नकार नहीं सकते,” उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा।
“आर्थिक विकास के वितरण को अधिक समतामूलक बनाने के लिए, हमें संपत्ति के स्वामित्व और हमारे लोकतंत्र की संस्थाओं में लोगों के प्रतिनिधित्व का सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है,” रमेश ने कहा।
जातिगत जनगणना: समता की ओर एक कदम
भारतीय समाज में जाति के महत्व को समझते हुए, कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को विकास की समानता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य माना है। जाति के आधार पर भेदभाव और वंचना को दूर करने के लिए यह जनगणना एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है।
रमेश ने आगे कहा कि, जातिगत जनगणना के माध्यम से, देश के आर्थिक विकास में सभी वर्गों की समान भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे लोकतंत्र की संस्थाओं में भी समतामूलक प्रतिनिधित्व होगा।
कांग्रेस के इस कदम को भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत विभाजन को खत्म करने के लिए एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह जनगणना न केवल समाज में समानता लाने का एक माध्यम बनेगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी सभी तक पहुंचाने के लिए एक कदम होगी।
जयराम रमेश के अनुसार, जातिगत जनगणना से प्राप्त आंकड़े, सरकार को नीतियाँ बनाने में सहायता प्रदान करेंगे, जिससे सभी जातियों के बीच आर्थिक विकास के अवसर समान रूप से वितरित किए जा सकेंगे। इसके अलावा, यह सरकार को समाज के हर वर्ग के लोगों की जरूरतों और उनकी उम्मीदों को समझने में भी मदद करेगा।
कांग्रेस का मानना है कि जातिगत जनगणना से न केवल आर्थिक विकास में समानता आएगी, बल्कि यह राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी समानता लाएगी। इससे देश के लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, और भारतीय समाज में विविधता का सही मायने में सम्मान होगा।
सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में जातिगत जनगणना एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इसे लागू करने के लिए कांग्रेस की तरफ से जोर-शोर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके माध्यम से, देश के हर व्यक्ति को समान अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही है, और अब जब कांग्रेस इसे आगे बढ़ा ाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है, तो इसे समाज के विभिन्न वर्गों से व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि जातिगत जनगणना से जुड़े आंकड़े, समाज के हर वर्ग के लिए बेहतर और अधिक समान अवसरों की संभावना को खोलेंगे।
इस जनगणना के माध्यम से, समाज के हाशिए पर रहने वाले समूहों को भी उनके अधिकार मिलने की उम्मीद जगी है। इससे उन्हें राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
कांग्रेस द्वारा इस दिशा में उठाया गया कदम भारतीय समाज के लिए एक नयी सुबह का संकेत है। यह जनगणना न केवल समाजिक न्याय को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के विकास को भी एक नई दिशा प्रदान करेगी।
जातिगत जनगणना का आयोजन, समाज के सभी वर्गों के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी बनेगा। इससे भारतीय समाज में विविधता और समानता के मूल्यों को मजबूती मिलेगी, जो कि भारत की मूल आत्मा है।