जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों – SC, ST, और OBC – के अधिकारों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सभा में इस बात की घोषणा की, जिससे देश भर में एक नई चर्चा का विषय बन गया है।
समाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस ऐतिहासिक कदम के बाद, SC, ST, और OBC समुदायों के लिए शिक्षा, रोजगार और अन्य सामाजिक लाभों के द्वार खुल गए हैं। अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से पहले, इन समुदायों के सदस्यों को कई मौलिक अधिकारों और अवसरों से वंचित किया जाता था।
अब, जम्मू-कश्मीर के निवासी उन सभी राष्ट्रीय कानूनों और नीतियों का लाभ उठा सकते हैं, जो शेष भारत में लागू होते हैं। इससे समाज के हर वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित होते हैं, और यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि इस कदम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों की बेहतर समझ हुई है और उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँचने में मदद मिली है। इसने विकास के नए द्वार खोले हैं और राज्य में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया है।
विकास की नई राहें
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर में निवेश और विकास के नए अवसर सामने आए हैं। यह कदम राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों को सुनिश्चित करता है, और साथ ही, समाज के हर वर्ग के लिए बेहतर जीवन स्तर की दिशा में कदम बढ़ाता है।
राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अधोसंरचना के विकास में भी तेजी आई है, जो सीधे तौर पर SC, ST, और OBC समुदायों के सदस्यों को लाभान्वित कर रही है। इससे उन्हें अधिक समानता और सम्मान मिल रहा है, जो उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
इस प्रकार, अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में SC, ST, और OBC समुदायों के अधिकारों और समानता के लिए नई उम्मीदें जागी हैं। यह कदम न केवल इन समुदायों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक नई शुरुआत है, जो समाजिक और आर्थिक विकास की नई दिशा निर्धारित करता है।