राजस्थान की दौसा पुलिस ने हाल ही में एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह की मुख्य रणनीति थी टेलीग्राम चैनल के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसाना। इसके बाद, वे फर्जी ट्रेडिंग कंपनियों में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे।
टेलीग्राम और ठगी का जाल
इस ऑपरेशन के दौरान, पुलिस ने मुंबई से तीन सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह ने लगभग 58 करोड़ रुपए का लेन-देन किया था, जिससे उनके नेटवर्क की विशालता और पहुंच का पता चलता है।
इस गिरोह की प्रमुख कार्यप्रणाली में आकर्षक रिटर्न्स का वादा करके निवेशकों को फर्जी ट्रेडिंग योजनाओं में फंसाना शामिल था। इसके लिए वे विभिन्न टेलीग्राम चैनलों का इस्तेमाल करते थे, जिससे वे आसानी से लोगों को अपने झांसे में ले सकें।
विदेशों तक फैली ठगी की जड़ें
जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह की गतिविधियां केवल भारत तक ही सीमित नहीं थीं, बल्कि इसकी जड़ें विदेशों तक फैली हुई थीं। इस खुलासे से यह पता चलता है कि साइबर ठगी के ये नेटवर्क कितने व्यापक और जटिल होते हैं।
इस पूरे मामले की गहनता से जांच की गई और इस दौरान पुलिस ने विभिन्न डिजिटल साक्ष्यों को एकत्रित किया, जिससे इस गिरोह के खिलाफ मजबूत केस बनाया जा सका। इस मामले की जांच ने न केवल इस गिरोह को बेनकाब किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग करके लोगों को ठगा जा रहा है।
इस घटना के बाद, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अधिक सतर्क हो गई हैं और डिजिटल ठगी से निपटने के लिए नए उपाय खोज रही हैं। इस मामले ने न केवल साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि आम जनता को डिजिटल धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरत है।
इस प्रकार, दौसा पुलिस ने न केवल एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, बल्कि आम लोगों को इस प्रकार की ठगी से सावधान रहने की चेतावनी भी दी है।