सिंगापुर: सिंगापुर में मुसलमान अब लैब में उत्पादित मांस का सेवन कर सकेंगे, बशर्ते उसका स्रोत हलाल जानवरों के कोशिकाओं से हो और अंतिम उत्पाद में किसी भी गैर-हलाल घटक का समावेश न हो।
मुफ्ती ने दी हरी झंडी
डॉ. नज़ीरुदीन मोहम्मद नासिर, सिंगापुर के मुफ्ती, ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और सामाजिक परिवर्तन के साथ फतवा अनुसंधान को विकसित होना चाहिए। यह जानकारी TODAY अखबार ने शनिवार को एक रिपोर्ट में प्रकाशित की। उन्होंने यह बात शुक्रवार को आधुनिक समाजों में फतवा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन पर कही।
धार्मिक और वैज्ञानिक संगम
सिंगापुर के मुसलमान समुदाय के लिए, यह निर्णय धार्मिक मान्यताओं और आधुनिक विज्ञान के बीच एक संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक कदम है। लैब-उत्पादित मांस, जिसे कल्चर्ड मीट भी कहा जाता है, जीवित जानवरों से प्राप्त कोशिकाओं को कल्चर करके उत्पादित किया जाता है। इस तकनीक को अपनाने से न केवल पशु कल्याण में सुधार हो सकता है बल्कि यह पर्यावरण पर भी कम प्रभाव डालता है।
फतवा अनुसंधान की नई दिशा
डॉ. नज़ीरुदीन के अनुसार, फतवा अनुसंधान का यह नवीनीकरण न केवल सिंगापुर बल्कि वैश्विक मुसलमान समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि कैसे धार्मिक प्रथाएं नवीनतम विज्ञान और तकनीकी विकासों के साथ कदम मिलाकर चल सकती हैं।
इस प्रकार, सिंगापुर में मुसलमानों के लिए लैब-उत्पादित मांस का सेवन एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जो धार्मिक निर्देशों के अनुसार आधुनिक और जिम्मेदार विकल्पों को अपनाने की दिशा में एक कदम है।