हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो केमिकल लाकर नकली डीजल-पेट्रोल बना रहा था। इस ऑपरेशन में करीब 40 हजार लीटर नकली फ्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस ने खैरथल-तिजारा के किशनगढ़बास क्षेत्र में छापेमारी की और इस धंधे को बेनकाब किया।
कैसे होता था यह गोरखधंधा?
पुलिस की जांच में पता चला कि हरियाणा से विशेष केमिकल लाकर इस नकली फ्यूल को तैयार किया जा रहा था। इसके बाद, इसे सस्ते दामों में बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमाया जा रहा था। खैरथल-तिजारा के किशनगढ़बास क्षेत्र में लंबे समय से यह अवैध कारोबार चल रहा था।
पुलिस ने लिया तत्काल एक्शन
इस कार्रवाई में पुलिस ने 40 हजार लीटर नकली डीजल और पेट्रोल को जब्त किया। यह सभी नकली फ्यूल ड्रमों में भरा हुआ था, जिसे बाद में पुलिस ने नष्ट करा दिया। इस मामले की जांच और गहराई से करने के लिए इंडियन ऑयल सहित विभिन्न ऑयल कंपनियों के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया।
स्थानीय प्रशासन की सतर्कता
खैरथल-तिजारा जिला पुलिस अधीक्षक, मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि यह सूचना किशनगढ़बास के गांव कांकरा की एक छोटी ढ ाणी से मिली थी। इस पर तत्काल प्रभाव से पुलिस टीम ने उस गांव में दबिश दी और वहां से बड़ी मात्रा में नकली पेट्रोल और डीजल को जब्त किया।
जनता में फैली चिंता
इस खुलासे के बाद स्थानीय लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई। नकली फ्यूल के इस्तेमाल से वाहनों को होने वाले नुकसान और संभावित खतरों को लेकर लोग चिंतित हैं। साथ ही, इस तरह के गैरकानूनी कार्यों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
सरकार और प्रशासन की कड़ी नजर
इस मामले के बाद से सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस तरह के अवैध धंधों पर कड़ी नजर रखने की बात कही है। वे चाहते हैं कि ऐसे गैरकानूनी कामों को रोकने के लिए समुदाय भी आगे आए और पुलिस को सहयोग प्रदान करे।
जनता से अपील
पुलिस ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह के अवैध कामों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, नकली पेट्रोल और डीजल से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है।
समापन
नकली डीजल और पेट्रोल का यह खुलासा एक बड़ी चेतावनी है कि कैसे कुछ असामाजिक तत्व समाज की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल सकते हैं। इस मामले का समाधान केवल सख्त कानूनी कार्यवाही ही नहीं, बल्कि जन जागरूकता और सामुदायिक सहयोग से भी संभव है। यह मामला हमें यह भी सिखाता है कि किस तरह से हमारी सतर्कता और सामूहिक प्रयास से बड़े अपराधों को रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
नकली फ्यूल का यह प्रकरण न केवल विधि-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि अवैध लाभ की लालसा में कुछ लोग किस हद तक जा सकते हैं। इससे न सिर्फ समाज के सुरक्षित वातावरण को खतरा है, बल्कि यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य और संपत्ति के लिए भी बड़ा जोखिम बन सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि सभी स्तरों पर सजगता बरती जाए और इस तरह के अपराधों के खिलाफ मिलकर लड़ा जाए।
हरियाणा से आया नकली डीजल-पेट्रोल का जखीरा
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