महाकुंभनगर (नेहा): महाकुंभ मेले में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, पर्यटक, स्नानार्थी, कल्पवासी तथा वीआइपी आने हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर कई स्तर पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। महाकुंभ की सुरक्षा में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 100 कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। एनएसजी की दो टीमें और आनी हैं। अत्याधुनिक हथियारों व संसाधनों से लैस एनएसजी के जवान महाकुंभ की सुरक्षा मजबूत करेंगे। इनके पास हेलीकॉप्टर भी है, जिससे किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद को पहुंच सकेंगे। महाकुंभ में आतंकी गतिविधियों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आतंकियों से निपटने में दक्ष एनएसजी की टीम को भी मेला क्षेत्र में लगाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि एनएसजी की दो टीमें आ गई हैं। दोनों टीमों में 50-50 कमांडो हैं। शेष दो टीमें भी जल्दी आ जाएंगी।
एनएसजी के कमांडो ने संगम क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, अरैल, अखाड़ा, कल्पवासी और दूसरे प्रमुख स्थलों की निगरानी तेज कर दी है। महाकुंभ में एनएसजी की दो टीमें हेलीकॉप्टर के साथ आ गई हैं। इससे मेला क्षेत्र का सुरक्षा घेरा और मजबूत हुआ है। महाकुंभ मेला क्षेत्र की सुरक्षा में स्पाटर्स (खोजी या गुप्तचर) भी लगाए जा रहे हैं, जो संदिग्ध आतंकी को देखते ही उसे दबोच लेंगे। पूरे मेला क्षेत्र में स्पाटर्स की 30 टीमें तैनात की जा रही हैं। करीब 18 टीमें सक्रिय हो चुकी हैं। अभी तक जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से स्पाटर्स यहां पहुंचकर आतंकियों से जुड़े संदिग्ध व्यक्तियों की टोह लेने लगे हैं। अधिकारियों के अनुसार, ये स्पॉटर्स आतंकियों को जानने-पहचानने में माहिर होते हैं। उनके पास आतंकियों और उनके संगठनों से जुड़े लोगों को पूरा ब्यौरा भी इनके पास होता है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 70 से अधिक जिलों की फोर्स तैनात कर दी गई है। 15 हजार सिविल पुलिस के जवान महाकुंभ नगर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 400 महिला सुरक्षाकर्मी भी तैनात की गई हैं।
मेला के लिए विभिन्न जिलों से आए सुरक्षा कर्मियों के स्वास्थ्य का विशेष इंतजाम किया गया है। पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक, महाकुम्भनगर विलास यादव ने बताया कि यहां पर आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में जवान काम कर रहे हैं। इस तरह से अलग-अलग तीन तीन शिफ्ट लगाई जा रही हैं।
डिजिटल महाकुंभ के दृष्टिगत मेले में तैनात सभी पुलिस कर्मियों का पूरा डाटा एक एप के माध्यम से सुरक्षित रखा गया है। एप के जरिये सुरक्षाकर्मी का चेहरा स्कैन करते ही पता चल जाता है कि उसका नाम क्या है और वह किस जनपद से भेजा गया है। सभी की डिजिटल अटेंडेंस भी कराई जा रही है।