ढाका (राघव): बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर है। पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने से 105 लोगों की मौत हो गई है। दरअसल, नौकरियों में आरक्षण बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसला का ये लोग विरोध कर रहे हैं। बांग्लादेश में पुलिस ने सख्त कर्फ्यू लगा दिया और सैन्य बलों ने शनिवार को राजधानी के कई हिस्सों में गश्त की। सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध के बावजूद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शुक्रवार को मारे गए लोगों की संख्या के बारे में अलग-अलग रिपोर्ट हैं। सोमॉय टीवी ने 43 लोगों के मारे जाने तो वहीं एसोसिएटेड प्रेस के एक रिपोर्टर ने ढाका मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 23 शव देखे, लेकिन अभी तक पूरा स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हफ्ते पहले शुरु हुए इस विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क गई है। ढाका और अन्य शहरों में सड़कों और विश्वविद्यालय परिसरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने की बात सामने आई है। अधिकारियों ने मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाकर ऑनलाइन संचार को अवरुद्ध करने का कदम उठाया। कुछ टेलीविजन समाचार चैनल भी बंद हो गए और अधिकांश बांग्लादेशी समाचार पत्रों की वेबसाइटें लोड नहीं हो रही थीं या अपडेट नहीं हो रही थीं। प्रदर्शनकारी 1971 में मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन किया है। वहीं, शेख हसीना की पार्टी ने उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।