नई दिल्ली (उपासना): कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सरकार के पाखंड की सीमा नहीं है। कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने यूपीए सरकार में हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन को घोटाला बताया था और अब वही भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाकर बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम आवंटित करने की मांग कर रही है।
दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर सुप्रीम कोर्ट ने जो साल 2012 में फैसला दिया था उसमें संशोधन किया जाए। अब भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘मोदी सरकार और भ्रष्ट जनता पार्टी की पाखंड की कोई सीमा नहीं है। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में ये लोग कहते थे कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन एक घोटाला था। अब वे सुप्रीम कोर्ट में बिना नीलामी के ही स्पेक्ट्रम देने की मांग कर रहे हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि बेशक ये ‘मोदानी सरकार’ पहले से ही सार्वजनिक संसाधनों को प्रधानमंत्री के पूंजीपति दोस्तों को दे रहे हैं। इसके तहत एयरपोर्ट, कोयला खदाने फर्जी नीलामी के जरिए एक कंपनी को दे दी गईं। यहां तक कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी 150 करोड़ रुपये के चुनावी चंदे के बदले दे दिया गया। कुल मिलाकर वे चार लाख करोड़ रुपये के सार्वजनिक संसाधन उद्योगपति दानदाताओं को दे चुके हैं।’
उल्लेखनीय है कि 2 फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए सरकार के कार्यकाल में जनवरी 2008 में दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस को रद्द कर दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिए ही आवंटित करने का आदेश दिया था। अब केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम आवेदन देकर 2012 के आदेश में बदलाव की मांग की है।
बता दें कि 22 अप्रैल को, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 2G स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया में बदलाव की अनुमति मांगी। कांग्रेस ने इसे भाजपा की ‘दोहरी नीति’ के रूप में पेश किया है, जहां एक तरफ उन्होंने नीलामी प्रक्रिया की महत्ता को स्वीकार किया था, तो दूसरी तरफ अब उसे हटाने की कोशिश कर रहे हैं।