पटना (नेहा): बिहार की राजधानी पटना में एक अद्भुत खोज हुई है। आलमगंज थाना क्षेत्र की एक गली में खुदाई के दौरान प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष मिले हैं। यह मंदिर जमीन के नीचे दबा हुआ था और लंबे समय से कचरे के ढेर से ढका हुआ था। अब इसे साफ-सुथरा कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है। यह घटना आलमगंज थाना क्षेत्र के नारायण बाबू की गली में हुई जहां रविवार को अचानक जमीन धंसने लगी। स्थानीय लोग तुरंत वहां पहुंचे और सफाई का काम शुरू किया। जब मिट्टी हटाई गई तो एक मंदिरनुमा आकृति दिखाई दी। करीब पांच फीट ऊंचा यह मंदिर काले पत्थर से बना है जिसमें एक चमकदार शिवलिंग और दो पदचिह्न भी मिले हैं। मंदिर के स्तंभों पर सुंदर नक्काशी देखी गई है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर किसी खास धातु से बना हुआ है जिससे लगातार पानी रिस रहा है। स्थानीय लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं।
मंदिर की बनावट देखकर स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना हो सकता है। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। खोज के बाद स्थानीय लोगों ने खुदाई और सफाई का काम किया। अब यहां पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया है। लोग इसे एक धार्मिक स्थल के रूप में देख रहे हैं। मंदिर की सफाई और जीर्णोद्धार का काम भी स्थानीय लोग आपसी सहयोग से कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह जगह पहले कचरे का ढेर थी लेकिन अब यह एक पवित्र स्थल बन चुकी है।
लोगों ने संकल्प लिया है कि वे इस प्राचीन मंदिर को इसके पुराने स्वरूप में वापस लाएंगे। लोगों को अब पुरातत्व विभाग से उम्मीद है कि वे इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और उम्र का सही आकलन करेंगे। इससे मंदिर की सही पहचान हो सकेगी। इस प्राचीन शिव मंदिर की खोज ने इलाके में एक नई उम्मीद जगा दी है। यह स्थल अब धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण हो गया है। स्थानीय लोग इसे संरक्षित करने और इसका महत्व बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।