नई दिल्ली (राघव): दशकों पुराने सिंधु जल बंटवारे को लेकर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। भारत ने इस समझौते में बदलाव की मांग उठाई है। भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि सिंधु जल समझौते की समीक्षा किया जाना जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि बीते महीने 30 तारीख को पाकिस्तान को नोटिस जारी किया गया है। समझौते की जो वजह बताई गई हैं, उनमें- जनसंख्या में बदलाव, पर्यावरण संबंधी मुद्दे और भारत के उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता शामिल है। भारत ने कहा कि समझौते के बाद से परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं।
भारत ने समीक्षा के पीछे सीमा पार से जारी आतंकी गतिविधियों को भी कारण बताया है। भारत ने कहा कि आतंकवाद के चलते संधि के सुचारू तरीके से संचालन में बाधा आ रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में इस पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का नियंत्रण मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण प्राप्त हुआ।