नई दिल्ली (हेमा)- मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न महत्वपूर्ण मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ दायर एक याचिका भी शामिल है। यह याचिका भ्रामक विज्ञापनों के मामले में दायर की गई है, जिसमें IMA ने पतंजलि पर अपने उत्पादों के फायदे अतिशयोक्तिपूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान, IMA ने अदालत से आग्रह किया कि पतंजलि के विज्ञापनों में दावे किए गए लाभों की सच्चाई की गहन जांच की जाए। IMA का कहना है कि ऐसे विज्ञापन उपभोक्ताओं को गलत जानकारी देकर भ्रमित कर रहे हैं और यह स्वास्थ्य संबंधित निर्णयों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
वहीं, पतंजलि ने अपने बचाव में कहा है कि उनके विज्ञापन पूर्णतया तथ्यात्मक हैं और उनके उत्पाद वैज्ञानिक शोध पर आधारित हैं। कंपनी का यह भी कहना है कि उनके उत्पादों की प्रभावशीलता को विभिन्न अध्ययनों में प्रमाणित किया गया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गहन सुनवाई करते हुए, दोनों पक्षों से अधिक जानकारी और दस्तावेज़ मांगे हैं। अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सूक्ष्मता से जांच करेगी और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। यह मामला न केवल पतंजलि के लिए बल्कि विज्ञापन जगत के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।