दुबई (हरमीत): भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) के संबंध में एक समझौते की ढांचागत रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए भारतीय अंतर-मंत्रालयिक प्रतिनिधिमंडल ने पहली बार संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया। यह यात्रा समझौते पर हस्ताक्षर के तीन महीने के भीतर हुई, जिससे इस परियोजना के प्रति दोनों सरकारों की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
भारतीय दूतावास, अबू धाबी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस गलियारे से वैकल्पिक आपूर्ति मार्गों को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी, जिससे दक्षता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी। दोनों पक्षों ने इस बैठक में समझौते के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए चर्चाओं को जारी रखने पर सहमति जताई। इससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश इस परियोजना को लेकर कितने गंभीर हैं और इसे सफल बनाने के लिए कितने उत्सुक हैं।
यह परियोजना न केवल व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि यह सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत को मध्य पूर्व और यूरोप के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह गलियारा व्यापारिक मार्गों को विविधतापूर्ण बनाने और अधिक सुरक्षित बनाने में भी योगदान देगा।