काठमांडू (नीरू): नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने 18 माह में चौथी बार सोमवार को संसद में विश्वास मत जीत लिया। इसके साथ ही वह एक बार फिर हिमालयी राष्ट्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने को तैयार हैं।
नेपाल की प्रतिनिधि सभा में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 157 वोट मिले। विश्वास मत जीतने के लिए सरकार को कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता थी।
विश्वास मत में कुल मिलाकर 158 सांसदों ने मतदान किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया और सहकारी निधि के दुरुपयोग के आरोपी उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रबी लामिछाने के खिलाफ नारे बाजी की, जिससे सत्र में देरी हुई।
प्रतिनिधि सभा एक सदस्य तटस्थ रहे। स्पीकर देव राज घिमिरे ने घोषणा की कि प्रचंड ने फ्लोर टेस्ट जीत लिया है, क्योंकि उन्हें संसद में बहुमत मिल गया है। दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से यह चौथी बार था जब प्रचंड ने सदन में विश्वास मत साबित किया।
इससे पहले नेपाली कांग्रेस की रुकावटों के कारण मतदान में देरी हुई थी, जो घोटाले में लामिछाने की कथित संलिप्तता की जांच के लिए संसदीय जांच समिति के गठन की मांग कर रही थी।