वैशाली (बिहार) (हरमीत): भारत के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के स्थल वैशाली में लोगों का गुस्सा भले ही स्थानीय सांसद के खिलाफ हो, फिर भी वे प्रधानमंत्री मोदी को अपना समर्थन देने का मन बना चुके हैं। इस बार के चुनाव में पर्यटन, नया एयरपोर्ट और चीनी मिलों के विकास जैसे मुद्दे हावी हैं, जबकि राम मंदिर जैसे धार्मिक मुद्दे पीछे छूट गए हैं।
वैशाली को पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी माना जाता है। यहां के राजा विशाल ने पहली बार लोकतंत्र की नींव रखी थी। उनके गढ़ के भग्नावशेष आज भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यहां एक बड़ा और समृद्ध साम्राज्य था।
बिहार की वैशाली के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए, यह जगह भगवान महावीर की जन्मस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के अंतिम उपदेश यहीं दिए थे। वैशाली में बना विश्व शांति स्तूप और चक्रवर्ती सम्राट अशोक का अशोक स्तम्भ इसके प्रमुख आकर्षण हैं।
वैशाली का इतिहास हजारों साल पुराना है, पर विडंबना यह है कि यह स्थान अब भी उपेक्षा का शिकार है। लोकसभा चुनावों के छठे चरण में, यहां 25 मई को वोटिंग होगी। विकास की आशा में लोग बड़े मुद्दों को महत्व दे रहे हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर सुविधाओं का विस्तार प्रमुख है।
इस तरह, वैशाली न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में उभर रही है। यहाँ की धरती ने लोकतंत्र की नींव रखी, और आज भी यह विकास की नई दिशाओं की ओर अग्रसर है।