नई दिल्ली (राघव): लोकसभा चुनावों के पांच चरणों के मतदान पूरे हो चुके हैं। सभी दल 2 बचे हुए चरणों के मतदान की तैयारियों जोर शोर से लग गए हैं। लेकिन इस बीच लगातार कई वजहों से चुनाव आयोग आरोपों और विवादों के केंद्र में हैं।
खबर है कि चुनाव आयोग पर एक आरोप मतदान संबंधी आंकड़ों को देरी से जारी करने का लग रहा है। जिसकी सुनावई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक सप्ताह के अंदर मतदान संबंधी आंकड़ों को जारी करने से संबंधित याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।
खबर है कि अब राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने बताया है कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके कहा है कि फॉर्म 17 C का डेटा वेबसाइट पर अपलोड करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। चुनाव आयोग के इस तर्क को कपिल सिब्बल ने शॉकिंग बताया है। उन्होंने कहा है कि इससे पता चलता है कि दाल में कुछ काला है। राजनीतिक दलों को इससे शंका हो रही है।
कपिल सिब्बल ने कहा है कि अगर गिने गए वोट अपलोड किए जाते हैं तो डाले गए वोट क्यों नहीं? ऐसे आयोग पर हम कैसे भरोसा करें! कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा है कि अब हमें भगवान के पास ही जाना होगा, मोदी ही भगवान है, हज़ारों साल बाद भगवान आए हैं. सभी पार्टियों को उस भगवान (मोदी) के पास जाकर कहना चाहिए कि 80 करोड़ लोग गरीबी में हैं, उनका उद्धार कीजिए, उनके खातों में 15 लाख डालिए, भगवान ने सब कुछ त्याग दिया था।