मनीला (हरमीत): फिलिपींस में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों को वहां की सरकार ने बड़ी राहत दी है। मेडिकल में स्नातक हो चुके छात्र यहां लाइसेंस लेकर स्थानीय स्तर पर अपनी प्रैक्टिस कर सकते हैं, इसके लिए फिलिपींस सरकार ने अपने कानून में बदलाव किया है। इस कदम से उन मेडिकल स्टूडेंट को भी फायदा होगा जो भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं।
बता दें कि फिलिपींस की यह व्यवस्था राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के नियम के मुताबिक है। एनएमसी का नियम मेडिकल छात्रों को भारत लौटने पर स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल होने के लिए एक वैध प्रैक्टिस लाइसेंस का होना अनिवार्य बनाता है। दरअसल, हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों को अपने यहां मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए कई देशों ने इस तरह की पहल की है। अब इसमें फिलिपींस का नाम भी जुड़ गया है।
एनएमसी के साल 2021 के संशोधन में कहा गया है कि विदेश में मेडिकल डिग्री की पढ़ाई करने वाले छात्रों को वापस भारत लौटने पर उन्हें स्क्रीनिंग टेस्ट में बैठने की इजाजत तभी मिलेगी जब उनके पास उस देश का प्रैक्टिस लाइसेंस होगा, जहां उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की है।
बता दें कि साल 2023 में एनएमसी ने फिलिपींस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया। उसने केवल चार वर्षों वाले एमडी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही इजाजत दी। इस पाठ्यक्रम को भारत के एमबीबीएस कोर्ट के समतुल्य माना जाता है। विदेशी शिक्षा के एजेंट कडविन पिल्लई ने कहा कि अब सभी चिंताएं अतीत की बात हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा, ‘फिलिपींस में यूजी मेडिकल कोर्स की अवधि में सुधार कर दिया गया है और इसे एनएमसी की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। अब यहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्र स्थानीय स्तर पर या कहीं और प्रैक्सिट कर सकते हैं। इससे छात्रों और फिलिपींस दोनों को लाभ होगा।’