नई दिल्ली (सरब): लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 121 ‘अनपढ़’ उम्मीदवार खड़े हुए थे और सब के सब हार गए। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के एक विश्लेषण में यह बात सामने आई है। एडीआर ने बताया कि अपने चुनावी हलफनामों में खुद को ‘अनपढ़’ बताने वाले सभी 121 प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं। नतीजों में 293 एनडीए और विपक्षी गठबंधन INDIA के खाते में 233 सीटें आईं हैं।
चुनाव विश्लेषण करने वाली इस संस्था के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में लगभग 105 (19 प्रतिशत) विजयी उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 420 या 77 प्रतिशत नवनिर्वाचित सदस्यों ने स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री होने की घोषणा की है। एडीआर ने कहा कि 17 नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य डिप्लोमा धारक हैं और एक ही सदस्य ‘केवल साक्षर’ हैं।
विश्लेषण के अनुसार 2 विजयी प्रत्याशियों की शिक्षा 5वीं कक्षा तक रही, वहीं चार नवनिर्वाचित सदस्य ने 8वीं तक पढ़ाई की है। करीब 34 ऐसे विजयी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में घोषणा की थी कि वे 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं और 65 ऐसे नवनिर्वाचित सदस्य 12वीं तक की पढ़ाई कर चुके हैं। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक पहली लोकसभा से लेकर 11वीं लोकसभा (1996-98) तक स्नातक डिग्री रखने वाले सांसदों का अनुपात लगातार बढ़ता रहा है।
विश्लेषण से पता चलता है कि नई लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है जिनमें 3 महिलाएं हैं। पीआरएस के एक अन्य विश्लेषण के अनुसार इस चुनाव में निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचने वाले 543 सांसदों में से सबसे अधिक सदस्यों ने कृषि और समाजसेवा को अपना पेशा बताया है। 18वीं लोकसभा के लगभग 7 प्रतिशत सदस्य वकील हैं और 4 प्रतिशत चिकित्सा पेशे से जुड़े हैं।