मुंबई (राघव) : शुक्रवार को प्रारंभिक कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर रहा, जिसका कारण घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक प्रवृत्ति और विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती थी। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक डेटा और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति निर्णय के चलते रुपये में डॉलर के मुकाबले लचीलापन देखा गया।
रुपये की उम्मीदें
बाजार प्रतिभागी आज बाद में आने वाले भारत के व्यापार संतुलन डेटा पर कड़ी नजर रखेंगे क्योंकि घाटे में कोई भी कमी रुपये के लिए एक राहत ला सकती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती के बावजूद, रुपया स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। विश्लेषकों का मानना है कि आगामी डेटा रुपये के प्रदर्शन के लिए निर्णायक हो सकता है।