नई दिल्ली (राघव): स्वदेश में विकसित नागस्त्र-1 आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप भारतीय सेना को मिल गई है। नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज ने इन घातक ड्रोनों को विकसित किया है। भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। इनमें से 120 ड्रोन की डिलीवरी कर दी गई है।
नागस्त्र-1 की खासियत यह है की ड्रोन की मैन-इन-लूप रेंज 15 किलोमीटर और ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है। इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम कम ध्वनिक संकेत प्रदान करता है। इससे 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन इसे पहचान नहीं पाता और यह 60 मिनट तक हवा में उड़ सकता है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद जे जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा। ताकि सैनिकों का जोखिम कम से कम हो।