नई दिल्ली (राघव): 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना लगातार सातवां केंद्रीय बजट संसद में पेश किया। हालांकि, इस बजट का विपक्ष जमकर विरोध कर रहे है। कांग्रेस ने केंद्रीय बजट 2024-25 को भेदभावपूर्ण और खतरनाक करार दिया है। इसका विरोध करने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार शाम को बड़ी घोषणा कर दी। कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्री 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। ये 4 मुख्यमंत्री है- सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (तमिलनाडु)।
बता दें कि नीति आयोग की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली है, जिसका कांग्रेस के 4 मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मंगलवार को पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक है, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के बिल्कुल खिलाफ है, जिसका केंद्र सरकार को पालन करना चाहिए। इसके विरोध में, कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।’ वेणुगोपाल ने आगे कहा कि इस सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। हम ऐसे किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के असली, भेदभावपूर्ण पहलुओं को छिपाने के लिए बनाया गया है।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 80 मिनट के बजट भाषण के दौरान कई बड़ी घोषणा की, जिसमें नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करना, नई व्यवस्था में कर स्लैब में संशोधन, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन के तहत तीन योजनाएं और नौकरी सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं। घोषणाओं के तुरंत बाद कांग्रेस ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह इस लंगड़ी सरकार को बचाए रखने की राजनीतिक मजबूरियों से प्रेरित सरकार बचाओ बजट के अलावा कुछ नहीं है।