जम्मू (राघव): लद्दाख को छठी अनुसूची और राज्य दर्जा देने के अलावा अन्य मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है। जल्द गृह मंत्रालय लद्दाख के लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में फैसला कर सकता है। केंद्र सरकार से मिले आश्वासन के बाद लद्दाख भाजपा उत्साहित हैं। इन सभी मांगों को लेकर कांग्रेस व कारगिल के संगठनों के एकजुट होने के बाद लगातार दो बार यह सीट जीतने वाली भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
केंद्र ने लद्दाख में दो नए जिले बनाने, क्षेत्र के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए लद्दाख स्काउट्स की एक और बटालियन का गठन, बोटी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मन बना लिया है। लद्दाख भाजपा अध्यक्ष फुंचुक स्टेंजिन की दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग से हुई बैठकों में विश्वास दिलाया कि कारगिल हवाई अड्डे के निर्माण में तेजी लाने, नुबरा हवाई अड्डे पर नागरिक विमानों को उतरने की अनुमति मिल सकती है।
दरअसल, साल 2019 में जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। इसमें पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख हैं। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत, लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बन गया। इसके साथ ही यहां के लोगों को मिलने वाला विशेष अधिकार भी खत्म हो गया। अब चार साल बाद लद्दाख के लोग अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आ गए।