पटना (राघव): बिहार का अगला मुख्य सचिव कौन होगा इस पर सत्ता के गलियारे में आधा दर्जन नामों पर कयास चल रहा। वर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा इसी महीने की 31 तारीख को रिटायर होने वाले हैं। अगले वर्ष बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सरकार चाहती है कि किसी तेज-तर्रार अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जाए जो चुनाव के पहले उन कार्यों का निष्पादन तेजी से करा सके जो आम लोगाें से सीधे-सीधे जुड़ी है।
अगले मुख्य सचिव के रूप में जिन अधिकारियों के नाम की चर्चा है उनमें 1989 बैच से लेकर 1991 बैच तक के अधिकारी का नाम है। वरीयता के लिहाज से देखें तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा सबसे आगे हैं। वह 1989 बैच के अधिकारी हैं। वह अगले साल अगस्त में ही रिटायर हो जाएंगे। अब जब 1990 बैच की बात होती है तो वर्तमान में विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद पहले नंबर पर हैं। पर उनके नाम के साथ संकट यह है कि वह अगले वर्ष जुलाई में ही रिटायर हो रहे।
चुनाव के ठीक पहले सरकार को फिर से एक नया नाम मुख्य सचिव के लिए तय करना होगा। वहीं चैतन्य प्रसाद के बाद 1990 बैच में दूसरा नाम केके पाठक (KK Pathak) का है। इसके बाद 1991 बैच में दो नाम बचते हैं। पहला नाम स्वास्थ्य, पथ निर्माण व आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का है। वह जुलाई 2027 में रिटायर करेंगे। वहीं 1991 बैच के दूसरे अधिकारी का नाम शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ (S Siddharth) का है। वह अगले वर्ष चुनाव के समय ही यानी 11 वें महीने में रिटायर कर रहे।
वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी हैं। इन्हीं अधिकारियों के बीच से किसी एक को मुख्य सचिव की कुर्सी मिलनी है। अगर चैतन्य प्रसाद को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो फिर सरकार को विकास आयुक्त के लिए भी एक नाम तय करना होगा।