नई दिल्ली (राघव): अयोध्या दुष्कर्म मामले में अखिलेश यादव डीएनए टेस्ट की मांग पर अड़े हैं। वहीं, फैजाबाद (अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद ने का भी इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। अवधेश प्रसाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए और उन्हें 20 लाख रुपए दे। अखिलेश यादव ने कहा, ‘भाजपा चुनाव से पहले साजिश शुरू करना चाहती है। इनका मकसद पहले दिन से ही समाजवादियों को बदनाम करना रहा है और खास तौर पर मुसलमानों को लेकर इनकी सोच अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। अगर कोई ‘योगी’ लोकतंत्र, संविधान में विश्वास नहीं रखता तो वो ‘योगी’ नहीं हो सकता।
अखिलेश ने कहा, ”मैं आपको 3 घटनाओं का उदाहरण देना चाहता हूं। पहली घटना हाथरस की है, जिसमें भाजपा विधायकों और नेताओं ने एक साधु के कार्यक्रम की अनुमति के लिए लिखा था। लेकिन प्रशासन ने ठीक से इंतजाम नहीं किए और नतीजा ये हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। दूसरी बात, आपने गोमती नगर में देखा होगा, पुलिस ने पूरी लिस्ट दी थी, लेकिन सीएम और भाजपा की सरकार चाहती है कि पुलिस भाजपा की कार्यकर्ता बन जाए। जब पुलिस ने सभी नामों की लिस्ट दी तो सीएम ने सिर्फ यादवों और मुसलमानों का नाम क्यों लिया?
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “यह घटना बेहद शर्मनाक है। समाजवादी पार्टी पूरी तरह से पीड़िता के साथ खड़ी है। जो भी आरोपी है उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पार्टी ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है और उसे जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने को कहा है, रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए और उन्हें 20 लाख रुपये दे।”
अयोध्या में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। भाजपा व उसके सहयोगी दलों ने इस मामले में आरोपित मोईद खान को बचाने को लेकर सपा को कठघरे में खड़ा किया है। डीएनए टेस्ट करवाने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा व अन्य दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर मुलायम सिंह यादव का बयान याद दिलाते हुए एक होर्डिंग भी लगाई गई है, जिस पर लिखा है कि लड़के हैं गलती हो जाती है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि कांग्रेस के मोहरा अखिलेश यादव इस मामले में न्यायालय की बात कर गुमराह न करें।