नई दिल्ली (राघव): वक्फ एक्ट में बदलाव की चर्चा के साथ ही राजनीति गरमा गई है। संभावना जताई जा रही है कि केंद्र की मोदी सरकार आज ही संसद में वक्फ एक्ट में बदलाव को लेकर विधेयक पेश कर सकती है। इस बिल में वक्फ बोर्ड में बदलाव करने की बात शामिल हैं, जिसका कई पार्टियों ने विरोध किया है। इसके जरिए वक्फ की जमीनों पर मालिकाना हक में बदलाव किया जाएगा। साथ ही वक्फ बोर्ड में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।
हालांकि, सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन बयानबाजी अभी से शुरू हो गई है। आज का दिन अहम इसलिए भी है, क्योंकि संसद में सरकार आज यह बिल पेश कर सकती है। वक्फ एक्ट में संशोधन की अटकलों के बीच भाजपा ने भी अपना रुख साफ किया। पार्टी ने कहा कि वक्फ की संपत्तियों में कई अनियमितताएं हैं, जिन्हें सरकार दूर करना चाहती है। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वक्फ संपत्तियों की अनियमितताओं को दूर किया जाए। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड को ‘मुझे छुओ नहीं’ सिंड्रोम से बाहर आना होगा। यदि कोई सरकार समावेशी सुधारों पर जो दे रही है, तो इस सोच पर सांप्रदायिक हमला सही नहीं है।
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने वक्फ बोर्ड को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि, पार्टी के मुस्लिम नेता मुखर हैं। मुंबई में कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि एक बार वक्फ की संपत्ति हमेशा वक्फ की संपत्ति होती है। इस एक्ट में संशोधन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी जदयू में भी विरोध होने लगा है। जदयू के पूर्व सांसद गुलाम रसूल ने कहा कि नीतीश कुमार को केंद्र की इस कोशिश का विरोध करना चाहिए।