नई दिल्ली (राघव): बांग्लादेश में सियासी संकट काफी गहरा गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया है। वह फिलहाल भारत में आ गई हैं और यहां उनका लंदन जाने का प्लान है। बांग्लादेश में सेना ने सत्ता का संभाली है और उसका दावा है कि दो दिन के भीतर अंतरिम सरकार का गठन हो जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम असर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार पर भी पड़ रहा है। बांग्लादेश में छात्रों ने आरक्षण के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उन्हें विपक्ष का भी भरपूर समर्थन मिला। इसमें बहुत-से लोगों की जान भी गई। इस व्यापक विरोध प्रदर्शन के चलते ही शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। बांग्लादेश सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना के जरिए तीन दिनों के व्यापार बंदी का एलान किया था। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं के व्यापार की इजाजत है।
पश्चिम बंगाल निर्यातक समन्वय समिति के सचिव उज्ज्वल साहा का कहना है कि बांग्लादेशी सीमा शुल्क विभाग बंदरगाहों पर जरूरी मंजूरी नहीं दे रहे। ऐसे में निर्यात और आयात सारी गतिविधियां ठप हो गई हैं। उन्होंने कहा कि सुबह व्यापार गतिविधियों में थोड़ी हलचल दिखी थी, लेकिन हसीना के इस्तीफे की खबर के बाद सबकुछ ठप हो गया। भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध काफी पुराने हैं। शेख हसीना के कार्यकाल दोनों देशों के संबंध और भी प्रगाढ़ हुए। शेख हसीना और उनकी नीतियों को भारत समर्थक समझा जाता है। हालांकि, अब देखने वाली बात यह होगी कि बांग्लादेश में गठित होने वाली सरकार का भारत के प्रति रुख कैसा रहता है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने एलान किया है कि 48 घंटे में अंतरिम सरकार का गठन होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरिम सरकार में वकार-उज-जमान भी शामिल होंगे। भारत भी बांग्लादेश के बिगड़े हालात पर करीबी नजर रख रहा है। बीएसएफ सीमा को लेकर सतर्क है। वहीं, भारतीय रेलवे ने कई ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला किया है।