ढाका (राघव): बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय रिश्ते अवामी लीग पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण देने को लेकर बांग्लादेश में ‘प्रतिकूल प्रतिक्रिया’ हो सकती है, जो स्वाभाविक है। अब सवाल उठ रहा है कि कहीं इसी वजह से तो नहीं बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि बीएनपी बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी है। वरिष्ठ बीएनपी नेता खांडेकर मुशर्रफ हुसैन ने भारत को बांग्लादेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों का नया अध्याय शुरू करने का यह सही समय है। हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को दिए गए बधाई संदेश का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि भारत सरकार अब अवामी लीग और शेख हसीना का समर्थन करना जारी नहीं रखेगी, जिन्हें बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
शेख हसीना को भारत में शरण मिलने का प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। उदाहरण के लिए अगर मैं आपको पसंद नहीं करता और कोई और आपका समर्थन कर रहा है तो स्वाभाविक रूप से मुझे वह व्यक्ति भी नापसंद होगा। भारत-बांग्लादेश के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, चाहे अवामी लीग या बीएनपी सत्ता में रहे हों। भारत बांग्लादेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उसने हमेशा हमारे लोगों का समर्थन किया है। दोनों देशों के बीच अच्छे द्विपक्षीय संबंध बने रहेंगे। बांग्लादेश के लोगों को उम्मीद है कि भारत सरकार अवामी लीग जैसी भ्रष्ट और तानाशाही सरकार का समर्थन नहीं करेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या बीएनपी चाहती है कि शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंप दिया जाए, इस पर हुसैन ने कहा-‘यह अंतरिम सरकार को तय करना है। बीएनपी के तौर पर हमने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। वहीं बीएनपी के उपाध्यक्ष अब्दुल अवल मिंटू ने कहा-‘बेहतर होता अगर शेख हसीना भागकर भारत नहीं जातीं क्योंकि हम भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए तरस रहे हैं। बांग्लादेश और उसके लोग भारत को मित्र के रूप में देखते हैं। अच्छे द्विपक्षीय संबंधों के लिए दोनों देशों को बैठकर बातचीत करनी चाहिए और मतभेदों को सुलझाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार भारत को किसी को शरण देने का पूरा अधिकार है। बांग्लादेश में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बारे में पूछे जाने पर हुसैन और मिंटू दोनों ने कहा कि ये छिटपुट और अस्थायी घटनाएं हैं। न तो बांग्लादेश के लोग और न ही बीएनपी ऐसे अभियानों का समर्थन करती है। बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार को सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ तुरंत बातचीत करनी चाहिए।