नई दिल्ली (राघव):कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में शनिवार को भी सभी सरकारी और कई प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू रखते हुए मरीजों का उपचार किया गया। इस दौरान अपना रूटीन चेकअप कराने ओपीडी आए मरीजों को परेशानी हुई और उन्हें बिना उपचार के बैरंग लौटना पड़ा। अस्पताल में मरीज स्ट्रेचर पर इधर-उधर भटकते हुए दिखाई दिए। एलएन और जीबी पंत जैसे अस्पतालों के ओपीडी कक्ष जहां मरीजों से भरे रहते वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान मरीज और तीमारदार भटकते रहे।
एलएन अस्प्ताल की ओपीडी में शनिवार को मरीजों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई थी। शकूरपुर से अपने बेटे का किडनी से संबंधित इलाज कराने आए विजय कुमार ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से अपने बेटे को लेकर अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। पूरा दिन खराब होने के बाद शाम को ऐसे ही वापस लौटना पड़ता है। इमरजेंसी में बैठे चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने वहां से ओपीडी में ही दिखाने को बोला है। अब समझ नहीं आ रहा कि बेटे को किसे दिखाऊं। इतना पैसा भी नहीं कि किसी निजी अस्पताल में उपचार करा सकें।
रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के जूनियर व सीनियर डॉक्टर्स ने भगवान महावीर मार्ग पर लगभग एक किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर दरिदंगी का शिकार बनी महिला चिकित्सक के लिए न्याय मांगा।चिकित्सकों ने एक-दूसरे का हाथ थाम कर एकजुटता के साथ महिला सुरक्षा के लिए निर्णायक लड़ाई की प्रतिबद्धता व्यक्त की