कोलकाता (राघव): अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने बुधवार को कहा कि अगर डॉलर के लिहाज से विकास दर 12 प्रतिशत बनी रहती है तो 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 55 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। 2018 से 2021 तक सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे सुब्रमण्यन ने कोलकाता में उद्योग संगठन सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि 2016 से मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अंदर रखने के प्रयास ने इसे औसत पांच प्रतिशत पर लाने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि 2016 से पहले मुद्रास्फीति की औसत दर 7.5 प्रतिशत थी। सुब्रमण्यन ने कहा कि आठ प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि और पांच प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर को मिला लें तो नॉमिनल विकास दर 13 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के मूल्यह्वास की दर अगर एक प्रतिशत भी रहती है तो डॉलर के लिहाज से भारत की वास्तविक वृद्धि दर 12 प्रतिशत होगी। ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था का आकार हर छह साल में दोगुना हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ”वर्तमान में अर्थव्यवस्था का आकार 3.8 ट्रिलियन डॉलर है और 2047 में इसका संभावित आकार 55 ट्रिलियन डॉलर को छू सकता है।” सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत के लिए वास्तविक रूप से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करना संभव है। दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थों में निवेश अपने चरम पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि देश के आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने का दूसरा कारण आने वाले समय में ऐसे क्षेत्रों का दोहन किया जाना है, जिन क्षेत्रों में आज तक काम नहीं हुआ है। ऐसा करने से उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उद्यमिता, नवाचार और निजी ऋण सृजन अन्य तीन प्रमुख स्तंभ हैं जो अर्थव्यवस्था को वास्तविक रूप से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने में मदद करेंगे।