देहरादून (नेहा): उत्तराखंड में तीव्र वर्षा का सिलसिला जारी है। पहाड़ से मैदान तक जगह-जगह भारी वर्षा के दौर हो रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण दुश्वारियां बढ़ गई हैं और जनजीवन प्रभावित है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले कुछ दिन मौसम इसी प्रकार का रहने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज बागेश्वर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, देहरादून, चमोली, नैनीताल और पिथौरागढ़ में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा के एक से दो दौर हो सकते हैं। अन्य जिलों में आंशिक बादल छाये रहने की आशंका है।
चमोली में गुरुवार रात से हो रही बारिश शुक्रवार सुबह थमी। यहां बदरीनाथ हाईवे कंचन नाला, गुलाबकोटी, पागलनाला व नन्दप्रयाग में मलबा आने के कारण मार्ग अवरूद्ध है। कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र में बीती रात हुई बारिश के चलते नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार दुगड्डा के बीच दो स्थानों पर मलबा आने से बंद है। वाहनों को सिद्धबली मंदिर के समीप पुलिस चेक पोस्ट पर रोका जा रहा है। उधर कुंभीचौड़ क्षेत्र में बहेड़ा स्रोत के उफान पर आने से रतनपुर क्षेत्र में एक सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। जिस कारण सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। ग्राम आमचौड़ में भी सड़क पर भारी मलबा आया है। अभी तक कहीं से जनहानि की सूचना नहीं है।
कोटद्वार तहसील के अंतर्गत ग्राम आमसौड में राजमार्ग पर आया मलबा। रात्रि 12 बजे गांव में भूस्खलन हुआ। डर के कारण ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तरफ भागे। भूस्खलन से गांव के सीएससी सेंटर की एक दीवार ढह गई है। टिहरी बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बीती रात्रि को हुई भारी बारिश के कारण गेवाली गांव के पास गदेरे में अतिवृष्टि होने से पांच से अधिक ग्रामीणों के घरों के अंदर मलबा घुस गया। मलबा आने से गांव का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गेवाली पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है। खेती को भी भारी नुकसान हो गया है। गनीमत यह रही की कोई जनहानि और पशु हानि की कोई सूचना नहीं है।
बीते तीन दिनों से दून में रोजाना रात को झमाझम बारिश हो रही है। गुरुवार को भी शाम करीब साढ़े पांच बजे शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने लगी। हालांकि, करीब सात बजे बारिश बंद हो गई। इसके बाद रात करीब पौने नौ बजे बारिश ने फिर जोर पकड़ लिया। इस दौरान शहर के कुछ क्षेत्रों में अत्यंत तीव्र वर्षा के दौर हुए। आकाशीय बिजली चमकने के साथ हुई भारी बारिश से लोग सहम उठे। शहर के चौक-चौराहे तालाब में तब्दील हो गए और सड़कों नदियां बहने लगीं। नालियां चोक होने से बारिश का पानी सड़क पर बहता रहा। इस दौरान मुख्य मार्गों पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही।
देर रात तक शहर में बारिश के कारण लोग दहशत में रहे। नदी-नालों के उफान पर आने से आसपास के क्षेत्रों में आपदा का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा कई जगह घरों व दुकानों में भी बारिश का पानी घुस आया। शहर की ज्यादातर सड़कें बारिश के कारण क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही के दौरान दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है। बिंदाल नदी के उफान पर आने से आसपास की बस्तियों में पानी घुस गया।