इस्लामाबाद (राघव): पाकिस्तान अपने अशांत प्रांत बलूचिस्तान में विद्रोहियों के चौतरफा हमले से घबरा गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि अलगाववादियों के हमले का उद्देश्य बलूचिस्तान में चाइना-पाकिस्तान इकोनमिक कारिडोर (सीपीईसी) परियोजना को बंद कराना है। वे पाकिस्तान और चीन के बीच सहयोग को बाधित करना चाहते हैं। पाकिस्तान के पीएम शहबाज ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट को संबोधित करते हुए यह बात कही। रविवार रात व सोमवार को बलूच विद्रोहियों के ताबड़तोड़ हमले और सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई हैं। पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन ने इस घटना की निंदा की है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने नियमित प्रेसवार्ता में मंगलवार को कहा कि वह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के साथ आतंकरोधी सुरक्षा सहयोग करने को तैयार है। वहीं, सीपीईसी ने कहा है कि वह चीनी राष्ट्रपति शी चिन¨फग के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत 65 अरब डालर की परियोजना के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। पाकिस्तान गरीबी से त्रस्त बलूचिस्तान में खनिज संसाधनों का विकास करने में अकेले सक्षम नहीं है, वह इसके लिए चीन की मदद ले रहा है।
बलूचिस्तान में चीनी परियोजनाओं के खिलाफ विद्रोही मुखर रहे हैं। वह प्रांत के संसाधनों पर केवल स्थानीय लोगों का अधिकार मानते हैं। बलूच विद्रोहियों ने बीते मार्च में बांध परियोजना से जुड़े छह चीनी इंजीनियरों की हत्या कर दी थी। विद्रोही लंबे समय से चीन द्वारा संचालित ग्वादर बंदरगाह का विरोध करते रहे हैं। हाल के हमलों की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है