नई दिल्ली (राघव): भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुश विल्मोर के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसी हैं। उनको अंतरिक्ष में दो महीने से ज्यादा बीत गया है। वहीं, अब नासा ने उनको वापस लाने के लिए 2025 की फरवरी का समय तय किया है। इसी के साथ वह अंतरिक्ष में आठ महीने रहेंगी। इस बीच सुनीता विलियम्स ने एक और भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री रहीं, कल्पना चावला की याद दिला दी है।
कल्पना चावला एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनकर इतिहास रचा दिया था। उन्होंने दो अंतरिक्ष शटल मिशनों पर उड़ान भरी पहली 1997 में एसटीएस-87 और दूसरी 2003 में एसटीएस-107।
नेल्सन ने कहा कि अंतरिक्ष उड़ान अपने सबसे सुरक्षित और सबसे नियमित होने पर भी जोखिम भरी है। एक परीक्षण उड़ान, स्वभाव से, न तो सुरक्षित है और न ही नियमित। बुच और सुनीता को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर रखने और बोइंग के स्टारलाइनर को चालक दल के बिना घर लाने का निर्णय सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है। स्पेसएक्स अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें फरवरी तक वहीं रखा जाएगा। अगर नासा यह निर्णय लेता है कि स्पेसएक्स से दोनों की वापसी होगी तो स्टारलाइनर सितंबर में खाली पृथ्वी पर लौट आएगा। इंजीनियर पांच खराब थ्रस्टरों में से चार को आनलाइन ठीक करने में सक्षम हो गए थे, लेकिन यह अब भी पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लौट पाएगा या नहीं इसे लेकर चिंता है।