लखनऊ (राघव): 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके प्रदेश के 721 पुलों की जांच पूरी कर ली गई है। इनमें 68 पुलों को यातायात के लिए असुरक्षित पाया गया हैं। इनके स्थान पर नए पुल बनाने की तैयारी लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने शुरू कर दी है। इनके निर्माण पर 245 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों बिहार में लगातार पुलों के गिरने की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी पुलों की जांच के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए थे। लोक निर्माण विभाग ने जुलाई माह में 50 वर्ष पुराने सभी पुलों की जांच करवाई थी। इस जांच में 83 पुलों को यातायात के लिए असुरक्षित पाया गया था।
इन्हें स्थानीय प्रशासन से सहयोग से यातायात के लिए बंद करने के निर्देश दिए गए थे। लोनिवि ने इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित मुख्य अभियंताओं को पुलों की दोबारा जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा था कि कितने पुलों को मरम्मत के बाद सही किया जा सकता है और कितने पुलों को तोड़कर नए पुल बनाने होंगे। मुख्य अभियंताओं की जांच में 77 पुलों को असुरक्षित पाया गया है, इनमें से नौ पुलों को बनाने की स्वीकृति पहले ही शासन से दी जा चुकी है। शेष 68 पुलों के स्थान पर 245 करोड़ रुपये से नए पुलों का निर्माण करवाने का प्रस्ताव लोनिवि ने शासन को भेजा है।
कानपुर में 10, सहारनपुर में छह, उन्नाव में चार, सोनभद्र, गाजीपुर, अमेठी व सीतापुर तथा झांसी में तीन-तीन पुल असुरक्षित पाए गए थे। वहीं प्रयागराज, आजमगढ़,सुलतानपुर, खीरी, हरदोई व जालौन तथा लखनऊ के दो-दो पुल भी जर्जर अवस्था में मिले हैं।