नई दिल्ली (नेहा):पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी हर दिन मेडल जीत रहे हैं। शनिवार को भी ये सिलसिला जारी रहा। सिमरन शर्मा ने महिलाओं की 200 मीटर टी12 रेस में भारत को झोली में मेडल डाला। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। सिमरन ने 24.75 सेकेंड में रेस को पूरा करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया। ये भारत का इस कैटेगरी में पहला पैरालंपिक मेडल है और इसी के साथ सिमरन ने इतिहास रच दिया है। 100 मीटर में अभय सिंह के साथ हिस्सा लेने वाली सिमरन को मेडल की उम्मीद थी लेकिन वह जीत नहीं सकीं। इस कसर को उन्होंने 200 मीटर में पूरा कर लिया। सिमरन ने 2024 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। यहां भी उनकी कोशिश गोल्ड की थी जिसमें वह चूक गईं लेकिन मेडल जीतने में सफल रहीं। सिमरन ने धीमी शुरुआत की। लेकिन आखिरी दस सेकेंड में उन्होंने दमदार वापसी की।
क्यूबा की ओमारा डुरैंड ने पहला स्थान हासिल करते हुए गोल्ड जीता। ये उनका पैरालंपिक में 11वां गोल्ड है। वह 100 मीटर और 400 मीटर में भी रेस करती हैं। दूसरे स्थान पर ईरान की हगर सफरजादेह रहीं। सिमरन को देखने में परेशानी है। अपने जीवन में उन्होंने कई परेशानियों का सामना किया। उनके पिता को भी गंभीर बीमारी थी जिसके कारण उनका निधन हो गया। सिमरन ने अपने जीवन में आने वाली हर चुनौती को पार किया। उनके पिता ने सिमरन का हमेशा से सपोर्ट किया। स्कूल से सिमरन ने खेलों में हाथ आजमाया और कई मेडल जीते। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण उन्हें दिक्कतें भी आईं, लेकिन कोच गजेंद्र सिंह से मिलने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। गजेंद्र ने सिमरन के अंदर टैलेंट देखा और फिर उन्हें आगे बढ़ाया। गजेंद्र ने सिमरन को हर सुविधा मुहैया कराई और उन्हें ट्रेनिंग देकर यहां तक पहुंचाया।