जम्मू (किरण): टिकट वितरण को लेकर प्रदेश भाजपा में असंतोष बढ़ गया है, लेकिन हाई कमान ने बड़ी पहल कर चार वरिष्ठ नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इन चारों को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दी है। चारों अपने विधानसभा क्षेत्रों में खासा प्रभाव रखते हैं। दरअसल, उम्मीदवारों की सूचियां आने के बाद भाजपा में अंतर्कलह बढ़ गई है। नाराज दावेदारों को मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी जुटे हैं ताकि पार्टी की जीत के गणित को ये लोग बिगाड़ न सकें।
नौशहरा से चुनाव लड़ रहे रविंद्र रैना के व्यस्त रहने के कारण सत शर्मा को प्रदेश भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि डॉ. निर्मल सिंह को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष व सुखनंदन चौधरी को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है। ये चारों नेता टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन वरिष्ठता के चलते उन्होंने चुप्पी साधी रखी।
सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश भाजपा में चार वरिष्ठ नेताओं को अहम जिम्मेदारियां देने का फैसला किया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने पार्टी का आदेश जारी किया। पार्टी हाईकमान ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चारों नेताओं को तत्काल प्रभाव से अपनी जिम्मेदारियां संभालने के निर्देश दिए हैं। पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि चारों नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की जिताने में पूरा सहयोग दें।
पहली से छठी सूची में कई दावेदारों के नाम गायब होने के बाद संबंधित नेता पार्टी के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय अपनों के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। उधमपुर पूर्व से टिकट कटने पर प्रदेश उपाध्यक्ष पवन खजुरिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
जम्मू के मढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ भी पार्टी के कुछ सरपंचों ने मोर्चा खोल दिया है। दूसरी ओर स्टार प्रचारकों के दौरे शुरू होने से भाजपा अंतर्कलह को समाप्त करने के मिशन में जुटी है। भाजपा की छठी सूची आने के बाद आक्रोश और बढ़ गया है। ऊधमपुर पूर्व से दावेदार माने जा रहे पवन का टिकट कटने पर उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है। उनके समर्थकों की मांग है कि अगर भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो पवन 11 सितंबर को निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
पार्टी ने इस सीट से आरएस पठानिया को टिकट दिया है। वहीं मढ़ क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं में रोष से भाजपा की दिक्कतें बढ़ गई हैं। मढ़ के पूर्व विधायक सुखनंदन चौधरी क्षेत्र में खासा प्रभाव रखते हैं। रविवार को सरपंचों ने सुखनंदन से सुरेंद्र भगत को उम्मीदवार बनाने पर रोष जताया था।
पूर्व सरंपचों ने बैठक कर तय किया है कि वे टिकट बंटवारे में नजरअंदाज जिला विकास परिषद के सदस्य बलवीर लाल को अपना उम्मीदवार मानते हैं। परिषद के चुनाव में उम्मीदवार न बनाने के विरोध में बलवीर ने निर्दलीय चुनाव लड़ जीता था। उन्हें उस समय सुखनंदन ने पूरा समर्थन दिया था। बलवीर चुनाव जीतने के बाद फिर भाजपा में स्वीकार कर लिए गए थे।