मोहाली (हरमीत) : कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए जल्द ही देशभर के किसानों को आधार के बराबर एक विशिष्ट पहचान पत्र प्रदान करने के लिए पंजीकरण शुरू करेगी।
‘आउटलुक एग्री-टेक समिट’ और स्वराज अवार्ड्स के अलावा, चतुर्वेदी ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया के निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होगा। उन्होंने कहा, ”हमारा लक्ष्य अगले साल मार्च तक पांच करोड़ किसानों का पंजीकरण करना है।
उन्होंने कहा कि यह पहल सरकार के 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा है, जिसे हाल ही में कैबिनेट ने मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में शुरू किया गया था और 19 राज्य इस प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। किसानों की रजिस्ट्री बनने के बाद, प्रत्येक पंजीकृत किसान को ‘आधार जैसी विशिष्ट पहचान’ प्रदान की जाएगी।
चतुर्वेदी ने कहा कि विशिष्ट पहचान पत्र से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसान क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम सहित विभिन्न कृषि योजनाओं तक निर्बाध पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एकत्र किए गए डेटा से सरकार को नीति नियोजन और लक्ष्य विस्तार सेवाओं में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ”वर्तमान में, किसानों को किसी भी कृषि योजना के लिए आवेदन करते समय सत्यापन से गुजरना पड़ता है। इसमें न केवल खर्च शामिल है बल्कि कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए हम किसानों की एक रजिस्ट्री बनाने जा रहे हैं।