नई दिल्ली (राघव): जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद को जमानत मिल गई। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को राशिद की जमानत मंजूर कर ली। उन्हें जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने मामले में 28 अगस्त को इन कैमरा जमानत याचिका पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने इससे पहले पांच जुलाई को राशिद को जम्मू-कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शपथ लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी।
राशिद 2019 से जेल में है, जब उसे वर्ष 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था। अभी वो तिहाड़ जेल में बंद है। राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान मामले में सामने आया था। इसे NIA ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। यासीन मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।