आगरा (किरण): उटंगन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। शनिवार दोपहर बाह तहसील के पिनाहट के तीन गांव जलमग्न हो गए। दो से तीन फीट तक पानी भर गया। इससे तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया। इसमें टोड़ा, शाहपुर खालसा और सियापुरा गांव शामिल हैं। 550 बीघा फसल डूब गई।
चंबल नदी के जलस्तर में शनिवार को एक मीटर की कमी आई। यह 125.4 मीटर पर पहुंच गया। जिस तरीके से बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे जलस्तर बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। चंबल के तटवर्ती गांवों के लोगों की नींद उड़ी हुई है।
पार्वती नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है। नगला बेरिया गांव में अभी भी पानी भरा हुआ है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव का निरीक्षण किया। अगर रविवार को जलस्तर नहीं बढ़ा तो शाम तक ग्रामीणों का गांव में आना शुरू हो जाएगा।
शनिवार को आगरा-जगनेर रोड स्थित झिनझिन की पुलिया पर आवागमन चालू हो गया। नगला कमाल, कोलुआ, नगला विष्णु, कुल्हाड़ा, डांडा, नगला दूल्हे खां, चंदसोरा गांवों के आसपास पानी भरा हुआ है। फतेहाबाद। रिहावली,सिलावली, बरना,बिल्हैनी,सांकुरी,सालूबाई,खंडेर के आसपास के गांवों की 500 बीघा फसल डूब गई है। उटंगन नदी का जलस्तर धीमी गति से बढ़ रहा है।
होमगार्ड्स विभाग और नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने शनिवार को पैतखेड़ा, पर्वतपुर, सोरई, सोनिगा, भूडनगरिया और हाजीपुर खेड़ा का निरीक्षण किया। जलभराव की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का हाल जाना। अधिकारियों को समस्या के समाधान के निर्देश दिए। रविवार को जाजऊ सहित अन्य गांवों का निरीक्षण करेंगे।
खारी नदी का जलस्तर बढ़ने से खेरागढ़ के विसेहरा गांव में हैंडपंप डूब गए हैं। ग्रामीणों के समक्ष पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने एसडीएम खेरागढ़ को अवगत कराया। उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।