आगरा (किरण): गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान यमुना में नहाने उतरे फिरोजाबाद के चार युवक डूबने लगे। बचाओ.. बचाओ.. चिल्लाते युवकों को देख रहे लोग यमुना के विकराल रूप को देख ठिठक गए। इसी बीच घाट पर पूजा सामग्री बेच रही 18 वर्षीय मोहिनी युवकों के लिए देवी बन गई। उफनती नदी में छलांग लगा दी।
मोहिनी की हिम्मत से दूसरों की हिम्मत बढ़ी और नदी में रस्सी फेंक दी। मोहिनी एक-एक कर रस्सी के सहारे चारों युवकों को सुरक्षित निकाल लाई। किनारे खड़े जिन लोगों ने यह दृश्य देखा वे मोहिनी के साहस की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। हालांकि जान बचने के बाद चारों युवक घर लौट गए।
बटेश्वर के ब्रह्मलालजी मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक अजय भदौरिया ने मोहिनी की हिम्मत की दाद देते हुए उसे पुरस्कृत किया। बटेश्वर की 18 वर्षीय मोहिनी पिता मोहन गोस्वामी की मृत्यु के बाद मां अनीता के साथ ननिहाल में रहती है। जीविकोपार्जन के लिए वह घाट पर हर सोमवार पूजा सामग्री की फड़ लगाती है। मंगलवार शाम करीब चार बजे मोहिनी श्रद्धालुओं को पूजा सामग्री दे रही थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सब तमाशबीन बने थे। इसी बीच अपनी फड़ छोड़कर मोहिनी दौड़ती हुई आई। तब तक डूब रहे युवकों के सिर ही दिख रहे थे। एक पल गंवाए बिना मोहिनी ने नदी में छलांग लगा दी। कुशल तैराक की तरह चारों युवकों को एक-एक कर रस्सी के सहारे खुद खींचती हुई किनारे तक ले आई। चार जिंदगी बचाने के बाद मोहिनी फिर से आकर अपनी फड़ पर बैठ गई। घटना की जानकारी मिलने पर लोग उसके पास पहुंचे और उसकी प्रशंसा करते हुए बधाई दी।