बेरुत (नेहा):इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। लेबनान और सीरिया में मोसाद ने पेजर हमले को अंजाम दिया। एक साथ दोनों देशों में हजारों पेजर धमाके होने लगे। जो जहां पर था वहीं पर गिर गया। पेजर हमले में अभी तक 11 लोगों की जान गई है। वहीं ईरानी राजदूत समेत 4000 लोग घायल हैं। जानकारी के मुताबिक इजरायल ने महीनों पहले ही पेजर हमले की तैयारी कर ली थी। बता दें कि यह दुनिया में अपने तरीका का नायाब खुफिया ऑपरेशन है। दुनिया में पहली बार पेजर से इतने बड़े हमले को अंजाम दिया गया है। इस हमले से मोसाद ने अपनी क्षमता और ताकत का अहसास दुनिया को करा दिया है।
लेबनान के मिलिशिया समूह हिजबुल्लाह ने इसी साल की शुरुआत में पेजर का ऑर्डर दिया था। मंगलवार यानी 17 सितंबर को धमाकों से महीनों पहले ही इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 5,000 पेजर के अंदर विस्फोटक प्लांट कर दिया था। हिजबुल्लाह ने इस हमले को अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा चूक माना है। लेबनान में जिन पेजर का इस्तेमाल किया जा रहा था… वे ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी के थे। मगर कंपनी का कहना है कि उसने पेजर का निर्माण नहीं किया है। इनका निर्माण एक यूरोपीय कंपनी ने किया है। उस कंपनी के पास गोल्ड अपोलो ब्रांड इस्तेमाल करने का अधिकार है। लेबनान के वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने बताया कि गोल्ड अपोलो को 5,000 बीपर्स का ऑर्डर दिया था। इस साल की शुरुआत में इनकी डिलीवरी हुई थी।
पेजर एक सूचना डिवाइस है। इससे कॉल नहीं की जा सकती है। मगर इसमें संदेश दिखते हैं। लेबनान में AP924 मॉडल के पेजरों में धमाका हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि इन पेजरों को बनाते वक्त ही मोसाद ने इनमें संशोधन किया। मोसाद ने डिवाइस के अंदर एक बोर्ड लगाया। इसमें विस्फोटक सामग्री थी। मगर धमाका एक कोड मिलने के बाद होना था। खास बात यह है कि डिवाइस में विस्फोटक लगा है… इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है। इसे किसी स्कैनर और डिवाइस से भी पकड़ा नहीं जा सकता है। मोसाद ने जैसे ही कोडिंग संदेश भेजा वैसे ही लेबनान में एक साथ 3,000 पेजर में धमाका हो गया है।